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Civil Services 2016 Final Result [One stop for all post-interview Discussions]

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Comments

  • दिल कहता है कि कल ख़ुशी का साज़ बजेगा,
    या कलेक्ट्री मिलेगी,या कंधे पे शेर सजेगा।
    आपकी इल्तिज़ा खुदा मंज़ूर करे
    जीत के जश्न से आपको मसरूर करे!
    कल की बात और है मैं अब सा रहूँ या न रहूँ
    जितना जी चाहे तेरा आज सता ले मुझको
    Rahoge tum bhi rahega nisaan tumhara
    Chaman jaata h abhi karne ata tumko
  • कोई अटका हुआ है पल शायद
    वक़्त में पड़ गया है बल शायद

    लब पे आई मिरी ग़ज़ल शायद
    वो अकेले हैं आज-कल शायद
    दिल अगर है तो दर्द भी होगा
    इस का कोई नहीं है हल शायद

    जानते हैं सवाब-ए-रहम-ओ-करम
    उन से होता नहीं अमल शायद
    आ रही है जो चाप क़दमों की
    खिल रहे हैं कहीं कँवल शायद
    राख को भी कुरेद कर देखो
    अभी जलता हो कोई पल शायद

    चाँद डूबे तो चाँद ही निकले
    आप के पास होगा हल शायद
  • edited May 2017
    कोई अटका हुआ है पल शायद
    वक़्त में पड़ गया है बल शायद

    लब पे आई मिरी ग़ज़ल शायद
    वो अकेले हैं आज-कल शायद
    दिल अगर है तो दर्द भी होगा
    इस का कोई नहीं है हल शायद

    जानते हैं सवाब-ए-रहम-ओ-करम
    उन से होता नहीं अमल शायद
    आ रही है जो चाप क़दमों की
    खिल रहे हैं कहीं कँवल शायद
    राख को भी कुरेद कर देखो
    अभी जलता हो कोई पल शायद

    चाँद डूबे तो चाँद ही निकले
    आप के पास होगा हल शायद
    <3 koi jwab nhi
    Lajawab
  • दिल कहता है कि कल ख़ुशी का साज़ बजेगा,
    या कलेक्ट्री मिलेगी,या कंधे पे शेर सजेगा।
    आपकी इल्तिज़ा खुदा मंज़ूर करे
    जीत के जश्न से आपको मसरूर करे!
    कल की बात और है मैं अब सा रहूँ या न रहूँ
    जितना जी चाहे तेरा आज सता ले मुझको
    कोरे कागज़ पे यूँ स्याह बिखेरा न करो
    आपकी अदा से अशआर बन जाते हैं!
  • कोई अटका हुआ है पल शायद
    वक़्त में पड़ गया है बल शायद

    लब पे आई मिरी ग़ज़ल शायद
    वो अकेले हैं आज-कल शायद
    दिल अगर है तो दर्द भी होगा
    इस का कोई नहीं है हल शायद

    जानते हैं सवाब-ए-रहम-ओ-करम
    उन से होता नहीं अमल शायद
    आ रही है जो चाप क़दमों की
    खिल रहे हैं कहीं कँवल शायद
    राख को भी कुरेद कर देखो
    अभी जलता हो कोई पल शायद

    चाँद डूबे तो चाँद ही निकले
    आप के पास होगा हल शायद
    गुलज़ार की नज्म.. खूब कही!
  • दिल कहता है कि कल ख़ुशी का साज़ बजेगा,
    या कलेक्ट्री मिलेगी,या कंधे पे शेर सजेगा।
    आपकी इल्तिज़ा खुदा मंज़ूर करे
    जीत के जश्न से आपको मसरूर करे!
    कल की बात और है मैं अब सा रहूँ या न रहूँ
    जितना जी चाहे तेरा आज सता ले मुझको
    Rahoge tum bhi rahega nisaan tumhara
    Chaman jaata h abhi karne ata tumko
    ..


  • बादलों को चीर कर चाँद खोज लूँगा
    उस से मुहब्बत की निशानी रोज़ लूँगा
  • बादलों को चीर कर चाँद खोज लूँगा
    उस से मुहब्बत की निशानी रोज़ लूँगा
    Baadlon ki gehrai may sochay kya huzoor
    Oonchay oonchay chehray hay
    Zameen say kitnay door
    Aahen bharti hay ye thhandi hawa
    Aisay rangeen raho may ab humko kya hua?
  • बादलों को चीर कर चाँद खोज लूँगा
    उस से मुहब्बत की निशानी रोज़ लूँगा
    Baadlon ki gehrai may sochay kya huzoor
    Oonchay oonchay chehray hay
    Zameen say kitnay door
    Aahen bharti hay ye thhandi hawa
    Aisay rangeen raho may ab humko kya hua?
    वाह!
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